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भाजपा सरकार से बुद्धिजीवियों को नुकसान

 भाजपा सरकार से बुद्धिजीवियों को नुकसान                          राजस्थान में भाजपा सरकार को स्थापित करने के लियेबुद्धिजीवियों ने भी खास भूमिका निभाई थी और प्रचंडबहुमत से सरकार स्थापित भी हुई। लेकिन फलसफा शुन्यरहा सरकार किसी भी वर्ग के लिये खरी नहीं उतरी। पूर्वसरकार कांग्रेस ने राज्य में उच्च सदन की आधारशि​लारख अप्रेल 2012 को भारी बहुमत से संकल्प पारित करदिया जिसमें 156 विधायको ने भाग लिया और 152 विधायकों ने विधान परिषद के पक्ष में मतदान किया।राजस्थान को भारत की संसद ने विधान परिषद बनाने कीमंजूरी भी प्रदान कर दी थी। इस के बाद भी राज्य सरकारने विधान परिषद नहीं बनाया। परिषद के गठन नहीं होनेसे आम जनता की समस्याओं पर पूर्णरूप से प्रत्येक वर्गकी चर्चा नहीं हो पाती क्योंकि विधान परिषद में विभिन्नवर्ग के ​बुद्धिजीवियों को सदस्य बनाने का प्रावधान है औरइसे भंग नहीं किया जा सकता। यहिं कारण है कि राज्य केबुद्धिजीवियों को नुकसान हुआ और वंचित रह गये।हालांकि विधान परिषद के गठन का प्रस्ताव पूर्व में वसुंधराराजे अपने पूर्व के कार्यकाल में लेकर आई थी औरघनश्याम तिवाडी विधान सभा में पारित विधान परिषदस

राजे चणे के पेड़ पर तो नही.....

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राजे चणे के पेड़ पर तो नही..... प्रदेश में चल रहे भाजपा प्रदेश का मामला अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। कभी दिल्ली तो कभी जयपुर में बैठकों का दौर लगातार जारी है। भाजपा के केन्द्र और राज्य दोनो धड़े एक दुसरे को मात देने के लिये रणनीतियां बना रहे है। राजनीति गलियारे में यह आम चर्चा है कि आगामी चुनाव वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में लड़ा जायेगा। इसी लिये ही राजे के समर्थन में कई नेताओं ने चलम भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। राजनीति पण्डितों का मानना है कि यदि हाईकमान मतलब केन्द्रिय नेतृत्व यह फतवा जारी कर दे कि चुनाव तो वसुन्धरा के ही सानिध्य में लड़ा जायेगा, लेकिन टिकटों का निर्णय और बटवारा हाईकमान या संघ या फिर ओर कोई करेगा तो निश्चित रूप से राजे को महसूस हो जायेगा की वो कितने पानी में है। साथ ही भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष को लेकर हो रहे बवाल को भी पूर्णत: विराम लग जायेगा। राजनीति के चौराहो और गलियारों से यह भी छन छन कर बाहर आ रहा है कि कहीं वसुन्धरा राजे को चने के पेड़ पर तो नही चढ़ा रखा है। ऐसा तो नही कि समय आने पर चने के पेड़ से गिरा दे। वहीं दूसरी ओर संघ के पदाधिकारी इस तरह की अटक