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Showing posts from May, 2018

क्या दलित विरोधी है भाजपा सरकार?

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क्या दलित विरोधी है भाजपा सरकार? राजस्थान में कोटा की विधायक चन्द्रकांता मेघवाल के साथ हुई घटना ने भाजपा की दलितों के प्रति सहानाभुति की पोल खोल कर रख दी। जबकि केन्द्र में भाजपा सरकार ने इसी वर्ग के व्यक्ति को भारत का प्रथम नागरिक बना कर साबित कर दिया कि भाजपा दलितों के पक्षकार है।इन दोनो घटनाओ ने भाजपा के उपर कई सवाल खड़े कर दिये कि आखिर सच्चाइ क्या है? दलित समाज जो सरकार ने नाम दिया है वो इतना भी नहीं है जितना भाजपा समझती है। इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुये भाजपा को अब सोचने पर मजबुर होना पड़ेगा कि क्या इस तरह के माहौल में दलित वर्ग आगामी विधान सभा चुनावों में भाजपा का साथ देगा। मेघवाल के साथ यह पहली घटना नहीं है। पूर्व में भी इन के साथ इस तरह की घटना हो चुकी है जिसकी शिकायत ये प्रदेश स्तर पर कर चुकी है। लेकिन फिर भी इनको कोई राहत नहीं मिली। क्या विधायक प्रहलाद गुंजल को पार्टी से निकाला जायेगा या फिर ठंडे छिंटे देकर मेघवाल को राजी कर लिया जायेगा। क्या दलित समाज को साधने के लिये कहा जायेगा कि यह हमारा घर का मामला है। जैसा की घटना पर मौजुद मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा।

वाह सरकार वाह?

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वाह सरकार वाह राज्य में सरकार का इकबाल कितना कायम है उसका आंकलन तो आम जनता रोज ही अपने इर्द गिर्द और समाज में घटित घटनाओं से कर लेते है, बाकी की कमी को टीवी और अखबार पूरी कर देते है। राज्य में पुलिस ने तो सभी सीमाएं लांघ रखी है। हालहि में जोधपुर न्यायालय में एक नाबालिक पीड़िता ने न्यायालय की रोक के बाद भी पुलिस पर परेशान करने और कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया है, वही दूसरी ओर जयपुर के चौमू में पुलिस ने राठौड़ी में एक गरीब ठेले वाले के बच्चों को थाने में बैठाकर नजराने में थाने में कूलर लगवाया है। ऐसी बहुत सी घटना राज्य में घटित होती है जो अखबारों की शुर्खियाँ बनती है। कई घटनाओ का तो पता ही नही चलता है जो गंभीर होती है। सरकार का जनता के बीच इकबाल कितना कायम है, इस का ताजा उदाहरण पिछले दिनों करौली के हिण्डोन सिटी में देखने को मिला जब व्यापारी रामदेव अपने एक प्रोजेक्ट के भूमि पूजन के लिए करौली आये तो गंगापुर सिटी रेल लाइन के बंद निर्माण कार्य को पुनः चालू करवाने के लिए रेल विकास समिति करौली के पदाधिकारियों ने व्यापारी रामदेव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। रामदेव ने केन्द्र सरकार

राजस्थान में सामंतवाद जारी रहेगा

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राज्य में भाजपा सरकार के चार साल पूरे होते ही चार साल के जलसे के साथ सरकार विधान सभा चुनाव 2018 के चुनाव में की तैयारी के लिये सक्रिय हो गई। भाजपा ने भी अपना रंग दिखाना शुरू  कर दिया। हाल हि में राज्य में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हुये बवाल ने भाजपा संगठन में कई सवाल खड़े कर दिये। आम जनता की राय में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को तानाशाह ओर सामंतवाद का प्रतिक बताया। वास्तव में यदि जनता की राय यहिं है तो भाजपा संगठन की और से जनता को आगे भी इस विचारधारा की प्रतिक राजे की पीड़ा को सहना होगा। इस बात की पुष्टि भाजपा के राष्टिय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को यह कह कर करदी कि राज्य में विधान सभा चुनाव 2018 मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृव में ही लड़ा जयेगा। हांलाकि जनता की यह राय जनता पर भी लागू होती है, क्योंकि राजस्थान में सामंतवाद हमेशा से हावी रहा है या यूं कहे कि राज्य की जनता की मानसिकता भी तानाशाह और सामंतवाद को सहने की रही है।