क्या दलित विरोधी है भाजपा सरकार?

क्या दलित विरोधी है भाजपा सरकार?

राजस्थान में कोटा की विधायक चन्द्रकांता मेघवाल के साथ हुई घटना ने भाजपा की दलितों के प्रति सहानाभुति की पोल खोल कर रख दी। जबकि केन्द्र में भाजपा सरकार ने इसी वर्ग के व्यक्ति को भारत का प्रथम नागरिक बना कर साबित कर दिया कि भाजपा दलितों के पक्षकार है।इन दोनो घटनाओ ने भाजपा के उपर कई सवाल खड़े कर दिये कि आखिर सच्चाइ क्या है? दलित समाज जो सरकार ने नाम दिया है वो इतना भी नहीं है जितना भाजपा समझती
है। इस तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुये भाजपा को अब सोचने पर मजबुर होना पड़ेगा कि क्या इस तरह के माहौल में दलित वर्ग आगामी विधान सभा चुनावों में भाजपा का साथ देगा। मेघवाल के साथ यह पहली घटना नहीं है। पूर्व में भी इन के साथ इस तरह की घटना हो चुकी है जिसकी शिकायत ये प्रदेश स्तर पर कर चुकी है।
लेकिन फिर भी इनको कोई राहत नहीं मिली। क्या विधायक प्रहलाद गुंजल को पार्टी से निकाला जायेगा या फिर ठंडे छिंटे देकर मेघवाल को राजी कर लिया जायेगा। क्या दलित समाज को साधने के लिये कहा जायेगा कि यह हमारा घर का मामला है। जैसा की घटना पर मौजुद मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा।
























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