राजस्थान में सामंतवाद जारी रहेगा




राज्य में भाजपा सरकार के चार साल पूरे होते ही चार साल के जलसे के साथ सरकार विधान सभा चुनाव 2018 के चुनाव में की तैयारी के लिये सक्रिय हो गई। भाजपा ने भी अपना रंग दिखाना शुरू  कर दिया। हाल हि में राज्य में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हुये बवाल ने भाजपा संगठन में कई सवाल खड़े कर दिये। आम जनता की राय में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को तानाशाह ओर सामंतवाद का प्रतिक बताया। वास्तव में यदि जनता की राय यहिं है तो भाजपा संगठन की और से जनता को आगे भी इस विचारधारा की प्रतिक राजे की पीड़ा को सहना होगा। इस बात की पुष्टि भाजपा के राष्टिय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को यह कह कर करदी कि राज्य में विधान सभा चुनाव 2018 मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृव में ही लड़ा जयेगा। हांलाकि जनता की यह राय जनता पर भी लागू होती है, क्योंकि राजस्थान में सामंतवाद हमेशा से हावी रहा है या यूं कहे कि राज्य की जनता की मानसिकता भी तानाशाह और सामंतवाद को सहने की रही है।













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