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Showing posts from May, 2020

मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक —प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक —प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  Anil Trivedi छोटा अखबार।  मेरी राजनीतिक सूझ बूझ कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता हूं। क्योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिए भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-बाजे के साथ इस स्मारक का ढोल पीटता रहूंगा। 27 फरवरी 2015 को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी पर गरजते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा पर हंसी उड़ाई और कहा था कि मनरेगा कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक है। इस बीच लोकसभा में मोदी के समर्थकों ने ठहाके लगाते हुए खूब तालियां बजाई थी। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राजनीति का ज्ञान बांटते हुए और अपने समर्थकों में छाप छोड़ने के लिये कहा था कि मेरी राजनीतिक सूझ बूझ कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता हूं। क्योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिए भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-

संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति

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संघ के संघ ने वित्त मंत्री की घोषणाओं पर की आपत्ति छोटा अखबार। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं की आलोचना करते हुये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि सरकार एक तरह से निजीकरण को बढ़ावा दे रही है जिससे नौकरियों को नुकसान पहुंचेगा। देश में इस समय सार्वजनिक क्षेत्र बहुत अहम किरदार निभा रहा है। जब बाजार और निजी संस्थाएं लॉकडाउन के चलते बंद हैं तो सार्वजनिक क्षेत्र का महत्व और भी बढ़ जाता है। संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से निराशा हुई है। सरकार ट्रेड यूनियन और सामाजिक प्रतिनिधित्व करने वालों से बातचीत करने और सुझाव लेने में झिझक रही है। प्रतित होता है कि सरकार को खुद की सोच पर भरोसा नहीं है। जो कि निंदनीय है। भारतीय मजदूर संघ पहले से ही कॉरपोरेटकरण और निजी करण का विरोध कर चुका है। लगता है, हमारे नीति निर्माताओं के लिए सुधार और प्रतिस्पर्धा का मतलब निजीकरण है। पर हमने हाल ही में अनुभव किया है कि संकट के समय में निजी क्षेत्र से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र महत्वपूर्ण किरदार निभा

कोरोना और भारतीय परम्परा

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कोरोना और भारतीय परम्परा सोशल मीडिया से छोटा अखबार। ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्यभ्यन्तरः शुचिः॥ ॐ पुनातु पुण्डरीकाक्षः पुनातु पुण्डरीकाक्षः पुनातु।। जिस छुआछूत को बदनाम कर-कर के उपन्यासों में फिल्मों में ब्राह्मणों को झूठा और फर्जी बदनाम किया गया, वहीं छुआछूत आज विश्व की ब्रह्मास्त्र बनकर रक्षा कर रहा है।               आपने अपने शास्त्रों का और ब्राह्मणों का खूब मज़ाक उड़ाया था। जब वह यह कहते थे कि जिस व्यक्ति का आप चरित्र न जानते हों उससे जल या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि आप नहीं जानते कि अमुक व्यक्ति किस विचार का है, क्या शुद्धता रखता है, कौन से गुण प्रधान का है, कौन सा कर्म करके वह धन ला रहा है, शौच या शुचिता का कितना ज्ञान है, किस विधा से भोजन बना रहा है, उसके लिए शुचिता या शुद्धता के क्या मापदंड हैं इत्यादि। आपने ब्राह्मणों पर जातिवादी और छुआछूत बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा के इन्हें अन्य व्यक्तियों के छाया पड़ने से भी छूत लगता है। किन्तु वर्तमान समय में एक करोना वायरस की वजह से सभी को एक मीटर तक की दूरी बनाए

किसान को लोन के लिये गिरवी रखनी होगी अपनी फसल —मुख्यमंत्री

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किसान को लोन के लिये गिरवी रखनी होगी अपनी फसल —मुख्यमंत्री  छोटा अखबार। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को राहत देने के लिए लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम एवं विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को शुक्रवार को मंजूरी दी है। कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का अहम फैसला किया है। इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा। पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था।  आमतौर पर बाजार में फसल आने के समय जिंसों के भाव कम होते हैं, लेकिन आवश्यकताओं की पूर्ति और संस्थागत ऋणों को चुकाने के लिए किसान कम दामों पर ही फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं। फसल नहीं बेचें तो जरूरी कार्यों के लिए उन्हें साहूकारों या बिचौलियों के पास अपनी उपज रहन रखकर ऊंची ब्य

20 लाख करोड़ का पैकेज, निर्मम तानाशाह बनने की तरफ मजबूत कदम

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ऋषिकेश राजोरिया वरिष्ठ पत्रकार 20 लाख करोड़ का पैकेज, निर्मम तानाशाह बनने की तरफ मजबूत कदम छोटा अखबार। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना जनित अव्यवस्था के बाद आत्मनिर्भर भारत अभियान के नाम से जो 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया है, वह उनका विश्व में सबसे लोकप्रिय तानाशाह बनने की ओर एक मजबूत कदम है। इसके साथ ही यह लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती भी है। मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शिक्षित हिंदुत्व के नाम पर बुद्धि का दुरुपयोग करने वाले एक-दो करोड़ लोगों की फौज है, जिनकी सक्रियता से वह प्रधानमंत्री पद प्राप्त करने में सफल हुए हैं।  प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी को यह लगने लगा है कि इस देश पर शासन करना बहुत आसान है क्योंकि यहां की जनता वादे सुनकर और प्रचार में बहकर वोट दे देती है। शासन संभालने के बाद कौन देश का भला कर रहा है और कौन लोकतंत्र की भावना के साथ विश्वासघात कर रहा है, इस पर जनता ध्यान नहीं देती। सरकार चलाने वाले अधिकारियों में ज्यादातर सत्ता के प्रति समर्पित होते हैं। वे प्रधानमंत्री के इशारे पर लोकतंत्र का

श्रम कानून में संशोधन, काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना

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श्रम कानून में संशोधन, काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना छोटा अखबार। देश में कार्यरत श्रम मामलों की स्थाई समिति ने नौ राज्यों से श्रम कानूनों में किये बदलावों को लेकर जवाब तलब किया है। समाचार सूत्रों के अनुसार बीजू जनता दल के सांसद और स्थाई समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा है कि श्रमिकों के अधिकारों का हनन किसी भी कीमत मंजूर नहीं है। समिति ने उत्तर प्रदेश, गुजरात मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और पंजाब से जवाब तलब किया है कि देश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये श्रम कानूनों को कमजोर कैसे किया जासकता है। इस बात का जवाब महताब ने अपनी पार्टी शासित ओडिशा सरकार से भी तलब किया गया है। बता दें कि उपरोक्त राज्यों में कोविड—19 से तालाबंदी के कारण तहस नहस हुई आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने और व्यापारियों को निवेश के लिये आकर्षित करने के लिये श्रम कानूनों में संशोधन कर कमजोर किया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने श्रम कानून में संशोधन कर काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना बनाई है। वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्री
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देश में कल से ट्रेनों का संचालन शुरू,  टिकट बुकिंग आज से छोटा अखबार। देश में जारी तालाबंदी के मध्य भारतीय रेलवे ने राहत भरी घोषणा की है। रेलवे कल से मतलब 12 मई 2020 से 15 शहरों में ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। ये सभी ट्रेने दिल्ली जुक्शन से संचालन होगी। ट्रेनों के लिए टिकट की बुकिंग आज शाम चार बजे से शुरू होगी। रेलवे के अनुसार देश में कल से संचालित होने वाली ये ट्रेने बतौर स्पेशल ट्रेन संचालित होगी। ये ट्रेने नई दिल्ली स्टेशन से रवाना हो कर डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगाँव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी तक पहुंचेगी। रेलवे ने कहा है कि इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग आज शाम 4 बजे से शुरू कर दी जायेगी। बुकिंग केवल IRCTC की वेबसाइट पर ही उपलब्ध होगी। वहीं रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे। यात्रियों के साथ किसी अन्य का प्रवेश वर्जित रहेगा केवल वैध कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही रेलवे स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। यात्रियों को अपने चेहरे पर मास्क लगाना अन

राज्य में पास की नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू —मुख्यमंत्री

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राज्य में पास की नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू —मुख्यमंत्री छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान लोगों पास जारी करने की व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश दिए हैं।  नई व्यवस्था इस प्रकार रहेगी   अंतर जिला एवं जिले के अंदर अनुमत गतिविधियों हेतु आवागमन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं होगी। सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही यह छूट रहेगी। कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में यह छूट नहीं मिलेगी। दूसरे राज्यों में स्वयं के वाहनों से जाने वाले लोगों को जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, तहसीलदार, आरटीओ, डीटीओ, एसएचओ पास जारी कर सकेंगे। साथ ही, जिला उद्योग अधिकारी, एसई माइनिंग, महाप्रबंधक डीआईसी, रीको के जिला स्तरीय अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी अपने विभाग से जुड़ी गतिविधियों के लिए पास जारी कर सकेंगे। इन सभी अधिकारियों को जारी किए गए पासों की जानकारी प्रतिदिन जिला कलेक्टर को देनी होगी। दूसरे राज्यों में बस एवं ट्रेन से यात्रा के लिए जिला कलेक्टर पास जारी कर सकेंगे। कर्फ्यू एरिया के लिए केवल जिला कलेक्टर ही पास जारी कर

शर्मनाक घटना, सड़क पर हुए तीन प्रसव

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शर्मनाक घटना, सड़क पर हुए तीन प्रसव छोटा अखबार। आगरा में अस्पताल के सामने सड़क पर तीन—तीन महिलाओं के प्रसव होने का मामला सामने आया है। इस घटना ने आगरा के 132 साल पुराने लेडी लॉयल अस्पताल की साख को केवल 30 मिनट में बट्टा लगा दिया।  समाचार सूत्रों के अनुसार घटना शनिवार सुबह की है जब नूरी दरवाजा निवासी प्रसूता प्रिति अपना प्रसव कराने लेडी लॉयल अस्पताल पहुंची। लेकिन उसको अस्पताल के अन्दर नहीं घुसने दिया और मजबूरी में उसने कुछ महिलाओं के सहलोग से सड़क पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। शर्म की बात यह कि ​सिलसिला यहि नहीं थमा और एक एक करके दो और माताओं ने प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण सड़क पर ही अपनी बच्चियों को जन्म दे दिया। समाचार सूत्रों का यह भी कहना है कि सड़क पर प्रसव के बाद हल्ला होने पर लगभग एक घंटे बाद इन महिलाओं की थर्मल स्क्रीनिंग हुई और बाद में इन्हें अस्पताल के वार्ड में पहुंचाया गया। अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे संचालित हाने के बाद भी सुबह के समय प्रसूताओं की थर्मल स्क्रीनिंग क्यों नहीं हुई जैसे कई सवाल सरकार और प्रशासन पर खड़े हो गये है। जाकारी के लिए बता दे की

निजी स्कूलों को मिल सकती है फिस के मामले में राहत

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निजी स्कूलों को मिल सकती है फिस के मामले में राहत  छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऎसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऎसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और उन विद्यालयों का संचालन भी प्रभावित नहीं हो।

10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर मुख्यमंत्री का निर्णय, जुलाई में हो सकती है परीक्षाएं

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10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर मुख्यमंत्री का निर्णय, जुलाई में हो सकती है परीक्षाएं छोटा अखबार। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले प्रदेश के लाखों स्टूडेंट्स लंबे समय से एग्जाम की तारीखों का इंतजार कर रहे हैं। लगता है अब आखिरकार स्टूडेंट्स का इंतजार खत्म होने वाला है। बोर्ड परीक्षाओं के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो। वहीं दूसरी ओर सीबीएसई की 10वीं और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा हो गई है। 10वीं और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के मध्य आयोजित की जाएंगी। इस बात की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखर‍ियाल  ने ट्वीट कर दी है। एसे में कयास लगाया जा रहा है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शेष परीक्षाएं जुलाई माह में कराई जा सकती है

लिपिक ग्रेड द्वितीय के अभ्यर्थियों को जोर का झटका धीरे से

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लिपिक ग्रेड द्वितीय के अभ्यर्थियों को जोर का झटका धीरे से छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा-2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए।  कहा है कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं। उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे।  मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए।

9 मई को होगी लॉकडाउन पर रणनीति की समीक्षा

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9 मई को होगी लॉकडाउन पर रणनीति की समीक्षा छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी जिला प्रभारी मंत्रियों को 9 मई को प्रातः 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि प्रभारी मंत्री जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति, पेयजल के कंटीजेंसी कार्यों तथा मनरेगा में अधिक से अधिक श्रमिकों का नियोजन करने सहित अन्य विषयों पर विस्तृत समीक्षा करें।  वहीं दूसरी ओर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने गुरूवार को राज्य में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के संबंध में जिला कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के लिए अन्तर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है। अब बिना ई-पास के कोई व्यक्ति अन्तर्राज्यीय आवागमन नहीं कर सकेगा। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी तथा मृत्यु के मामलों में जिला कलक्टर ई-पास जारी कर सकेंगे। गुप्ता के अनुसार राज्य से बाहर की यात्रा

उद्योगों को हो रही तकलीफ का एहसास सरकार को

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उद्योगों को हो रही तकलीफ का एहसास सरकार को छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण तथा लॉकडाउन के कारण उद्योगों को हो रही तकलीफ का एहसास सरकार को है। संकट की इस घड़ी में सरकार उद्यमियों के साथ खड़ी है। हम हर प्रयास करेंगे जिससे उद्योगों को संबल मिल सके। गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस से उद्यमियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दुनियाभर के निवेशक भारत में संभावनाएं तलाश रहे हैं। ऎसे में उनके लिए राजस्थान बेहतर डेस्टिनेशन बन सकता है। सरकार जल्द टास्क फोर्स गठित कर निवेशकों को उचित वातावरण प्रदान करने का काम आगे बढ़ाएगी। ताकि राज्य में अर्थव्यवस्था जल्द से जल्द पटरी पर लौट सके और श्रमिक रोजगार से जुड सकें। लॉकडाउन के कारण राज्य सरकारों के राजस्व पर विपरीत असर पड़ा है। केन्द्र सरकार एक बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दे जिससे राज्यों के हालात सुधरें और उद्योगों को राहत मिल सके। अमेरिका सहित विभिन्न देशों में सरकारों ने आर्थिक पैकेज घोषित किया है। हमने भी केन्द्र से इस पर विचार की मांग की है। गहलोत ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह क

देश में शराब की होम डिलीवरी हुई शुरू

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देश में शराब की होम डिलीवरी हुई शुरू छोटा अखबार। कोविड—19 के कारण जारी तालाबंदी के तीसरे चरण में शराब की छूट से देश में सामाजिक दूरी भंग होने के डर से अब शराबी के घर शराब पहुंचाने के आदेश दिये जाने का मामला सामने आया है। समाचार सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार, 6 मई को शराब की होम डिलीवरी आदेश कर दिये है। स्टेट बेवरजेस कॉर्पोरेशन ने एक वेबसाइट शुरू कर 21 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ऑर्डर करने के लिए कहा है। इसके लिये पहले शराबी को अपना पंजीकरण करवाना होगा। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह कदम शराब की दुकानों पर भीड़ को रोकने के लिये उठाया है। भीड़ एकत्रित होने से सामाजिक दूरी भंग होने का अंदेशा है।

कृषि उपज पर वसूला जाएगा 2/— प्रति सैकडा, अधिसूचना जारी

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कृषि उपज पर वसूला जाएगा 2/— प्रति सैकडा, अधिसूचना जारी छोटा अखबार।  राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड की ओर से 1-1 हजार करोड कुल 2 हजार करोड का ऋण क्रमशः ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स एंव पंजाब नेशनल बैंक से राज्य सरकार की प्रतिभूति एवं ब्याज व मूलधन के पुनर्भुगतान की वचनबद्धता के आधार पर लिया गया है। इस राशि में से 1500 करोड रुपए कृषि विभाग को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के राज्यांश प्रीमियम भुगतान के लिए हस्तान्तरित किए जाने की स्वीकृति जारी की गई है।    प्रमुख शासन सचिव कृषि नरेशपाल गंगवार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 5 मई को अधिसूचना जारी कर मण्डी क्षेत्र में लाई गई या क्रीत-विक्रीत की गई कृषि उपज पर मण्डी समितियों द्वारा 2 रुपए प्रति सैकडा की दर से कृषक कल्याण फीस उद्ग्रहित किये जाने के प्रावधान किये गये है। संकलित फीस राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कृषक कल्याण कोष में जमा होगी, जिसका उपयोग केवल कृषक कल्याण की गतिविधियों-योजनाओं के संचालन के लिए किया जाएगा।   प्रमुख शासन सचिव गंगवार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट में किसानों के लिए Ease of Doing Busin

आंधी,बारिश से जयपुर डिस्काॅम को 6.58 करोड़ की हुई आर्थिक हानि

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आंधी,बारिश से जयपुर डिस्काॅम को 6.58 करोड़ की हुई आर्थिक हानि   छोटा अखबार। प्रदेश में 3 व 4 मई को आई आंधी व बरसात से जयपुर डिस्काॅम के विद्युत तंत्र को भारी नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में पोल व ट्रांसफार्मर  गिर जाने व क्षतिग्रस्त होने से 1325 गांवों की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई है। डिस्कॉम के कर्मचारी व अभियंताओं ने युद्ध स्तर पर कार्य कर जयपुर, भरतपुर, करौली और धौलपुर के अधिकांश क्षेत्रों की लाइनें मंगलवार की शाम तक चालू कर दी गई है। अन्य क्षेत्रों में भी आपूर्ति सामान्य करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।     जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक ए.के.गुप्ता के अनुसार प्रदेश में आई आंधी व बरसात से 33 केवी के कुल 41 फीडर व 11 केवी के 763 फीडर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिनके लगभग 7 हजार पोल और 1400 वितरण ट्रांसफार्मर गिर कर क्षतिग्रस्त होने से जयपुर डिस्कॉम को लगभग 6 करोड़ 58 लाख रुपए की आर्थिक हानि हुई है। गुप्ता का कहना है कि 3 मई से ही विद्युत  कर्मचारी और इंजीनियर युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं  लेकिन लॉक डाउन के चलते संसाधनों की कमी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रह

प्रशासन ने मजदुर को शौचालय में किया क्वांरटीन

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प्रशासन ने मजदुर को शौचालय में किया क्वांरटीन   छोटा अखबार। कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसद क्षेत्र में रहने वाले एक मजदूर की फोटो सोशल पर खूब वायरल हो रही है। वायरल हो रही फोटो में एक मजदूर शौचालय में बैठकर खाना खाता हुआ दिख रहा है और उसकी पत्नी बगल में खड़ी है। खबर सूत्रों के अनुसार मामला गुना जिला के राघोगढ़ जनपद के टोडरा ग्राम पंचायत की प्राथमिक शाला देवीपुरा का है। बताया जा रहा है कि यह मजदूर परिवार सहित राजगढ़ से देवीपुरा अपने गांव लौटा था जिसे स्थानीय प्रशासन ने शौचालय में क्वांरटीन कर दिया। वहीं दुसरी ओर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि भैयालाल सहरिया प्रवासी मजदूर है और वह पत्नी व दो बच्चों सहित रात को अपने गांव देवीपुरा आया था। गांव में उसे किसी ने नहीं आने दिया तो वह स्कूल परिसर में चला गया। सुबह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने 104 नंबर पर फोन कर पंचायत सचिव समेत कई अधिकारियों को सूचित किया। तहसीलदार के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने पहुंची तब उसी टीम ने पुलिस को सूचित किया। पंचायत सचिव पुलिस टीम के साथ पहुंचे और स्कूल का कमरा खुलवाया और खाने का

केन्द्र सरकार ने तालाबंदी में जनता को दी बड़ी राहत

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केन्द्र सरकार ने तालाबंदी में जनता को दी बड़ी राहत छोटा अखबार। केन्द्र सरकार ने तालाबंदी में जनता का विशेष ध्यान रखते हुए मंगलवार रात पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है, ताकि उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी के बाद आम जनता को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी लाभ नहीं मिल पाए। दुसरी ओर ताला बंदी में बर्बाद जनता महंगा ईंधन खरिदने को मजबूर हो और सरकार के खाली खजाने में कुछ बढोतरी हो।   आप को बता दे कि विश्व में कोविड—19 महामारी संक्रमण के चलते आर्थिक गतिविधियों के थमने और आवागमन बंद रहने से ईंधन मांग में करीब 70 प्रतिशत तक की गिरावट रही। मांग नहीं होने कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रभावित हुई है। जिसके कारण कच्चे में तेल प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी। कच्चे तेल में यह गिरावट 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी। हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ा उठाव आया है और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। सरकार के फैसले का सीधा असर जनता पर पड़ेगा। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगो का कहना है कि तालाबंदी से प