श्रम कानून में संशोधन, काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना
श्रम कानून में संशोधन, काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना
छोटा अखबार।
देश में कार्यरत श्रम मामलों की स्थाई समिति ने नौ राज्यों से श्रम कानूनों में किये बदलावों को लेकर जवाब तलब किया है।
समाचार सूत्रों के अनुसार बीजू जनता दल के सांसद और स्थाई समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा है कि श्रमिकों के अधिकारों का हनन किसी भी कीमत मंजूर नहीं है। समिति ने उत्तर प्रदेश, गुजरात मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और पंजाब से जवाब तलब किया है कि देश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये श्रम कानूनों को कमजोर कैसे किया जासकता है। इस बात का जवाब महताब ने अपनी पार्टी शासित ओडिशा सरकार से भी तलब किया गया है।
बता दें कि उपरोक्त राज्यों में कोविड—19 से तालाबंदी के कारण तहस नहस हुई आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने और व्यापारियों को निवेश के लिये आकर्षित करने के लिये श्रम कानूनों में संशोधन कर कमजोर किया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने श्रम कानून में संशोधन कर काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना बनाई है।
वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि देश में श्रम कानूनों में बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होने चाहिए। कहा कि सरकारों को त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ही श्रम कानूनों में संशोधन किया जाना चाहिए। वार्ता में श्रमिक और नियोक्ता संगठनों से जुड़े लोगों होने चाहिए।
छोटा अखबार।
देश में कार्यरत श्रम मामलों की स्थाई समिति ने नौ राज्यों से श्रम कानूनों में किये बदलावों को लेकर जवाब तलब किया है।
समाचार सूत्रों के अनुसार बीजू जनता दल के सांसद और स्थाई समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा है कि श्रमिकों के अधिकारों का हनन किसी भी कीमत मंजूर नहीं है। समिति ने उत्तर प्रदेश, गुजरात मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और पंजाब से जवाब तलब किया है कि देश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये श्रम कानूनों को कमजोर कैसे किया जासकता है। इस बात का जवाब महताब ने अपनी पार्टी शासित ओडिशा सरकार से भी तलब किया गया है।
बता दें कि उपरोक्त राज्यों में कोविड—19 से तालाबंदी के कारण तहस नहस हुई आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने और व्यापारियों को निवेश के लिये आकर्षित करने के लिये श्रम कानूनों में संशोधन कर कमजोर किया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने श्रम कानून में संशोधन कर काम के घंटों को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना बनाई है।
वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि देश में श्रम कानूनों में बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होने चाहिए। कहा कि सरकारों को त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ही श्रम कानूनों में संशोधन किया जाना चाहिए। वार्ता में श्रमिक और नियोक्ता संगठनों से जुड़े लोगों होने चाहिए।
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