करौली जिले में बजरी खनन खेल

करौली जिले में बजरी खनन खेल

श्रीमहावीर जी( करौली)। कहने को तो राज्य में बजरी खनन पर रोक है लेकिन समीप के गांव सनेट में  खनिज विभाग एवं पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और मिली भगत के चलते बजरी खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। सनेट गांव की गंभीर नदी के पेटे में अवैध खनन इतना विकराल रूप ले चुका है की इस नदी के दो किलोमीटर दायरे में करीब छः जेसीबी मशीन दिन रात नदी को छलनी करने मे लगी हुई है। ओवरलोड टेकट्रर ट्रोलीया तीव्र गति से गांव के बीचो बीच से निकलती है।
जिसका खामियाजा लोग अपनी जान देकर चूकते है। वही दूसरी ओर इन मशीनो ने नदी में इतने गहरे गढढे कर दिये है कि नदी में पानी आने पर हर वर्ष डूबने से कई लोगो की मौत हो जाती हैं। उल्लेखनिय है कि गत वर्ष इन्ही गढ्ढो मे डूबने से स्थानीय तीन बालिकाओं की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन की मिली भगत से बजरी माफिया चांदी काट रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार जिला प्रशासन बजरी माफियाओं से मिला हुआ है। इनका कहना है कि खनन विभाग और पुलिस प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होती बल्कि शिकायतकर्ताओं  ही परेशान किया जाता है। लोगों का तो यह भी स्पस्ट आरोप है कि जिले में अवैध खनन जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कायल के इशारे पर हो रहा है। कार्यवाही के नाम पर कुछ डम्पर और ट्रॉलियों पर गाज गिरती है जिसमे खनन विभाग के अधिकारियों को भी बुलाकर रसीद कटवा दी जाती है। कई बार तो आम लोगों को बजरी माफियाओं के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है। जिसका मानसिक असर कई महीनों तक स्थानीय लोगों पर रहता है।

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