बीएसएनएल करेगा चीनी सामान का बहिष्कार
बीएसएनएल करेगा चीनी सामान का बहिष्कार
छोटा अखबार।
देश में दूरसंचार विभाग ने निर्णय किया है। कि बीएसएनएल के 4G मशिनों को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का उपयोग नहीं किया जाएगा। समाचार सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
विभाग ने इस मामले में टेंडर प्रक्रिया फिर से करने का फैसला किया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों से चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिए भी विचार कर रहा है। चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा हमेशा संदिग्ध होती है।
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां अपने वर्तमान नेटवर्क में हुवाई के साथ काम कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर जेडटीई सरकारी बीएसएनएल के साथ काम कर रही है।
आपको बता दें कि 4G मशिनों को अपग्रेड किया जाना बीएसएनएल के रिवाइवल पैकेज का हिस्सा है। साल 2020 की शुरुआत में बीएसएनएल और सरकार के बीच खूब खींचतान रही थी। बीएसएनएल का कहना था कि दूसरे नेटवर्कों की तरह उसे भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उपकरण चाहिए वहीं केंद्र सरकार देसी कंपनियों से उपकरण लेने पर जोर दे रही थी।
छोटा अखबार।
देश में दूरसंचार विभाग ने निर्णय किया है। कि बीएसएनएल के 4G मशिनों को अपग्रेड करने के लिए चीनी सामान का उपयोग नहीं किया जाएगा। समाचार सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने बीएसएनएल से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
विभाग ने इस मामले में टेंडर प्रक्रिया फिर से करने का फैसला किया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विभाग निजी मोबाइल सेवा ऑपरेटरों से चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों पर उनकी निर्भरता को कम करने के लिए भी विचार कर रहा है। चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा हमेशा संदिग्ध होती है।
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां अपने वर्तमान नेटवर्क में हुवाई के साथ काम कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर जेडटीई सरकारी बीएसएनएल के साथ काम कर रही है।
आपको बता दें कि 4G मशिनों को अपग्रेड किया जाना बीएसएनएल के रिवाइवल पैकेज का हिस्सा है। साल 2020 की शुरुआत में बीएसएनएल और सरकार के बीच खूब खींचतान रही थी। बीएसएनएल का कहना था कि दूसरे नेटवर्कों की तरह उसे भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उपकरण चाहिए वहीं केंद्र सरकार देसी कंपनियों से उपकरण लेने पर जोर दे रही थी।
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