प्रदेश में मानसून की दस्तक, जल्द आयेगा मानसून
प्रदेश में मानसून की दस्तक, जल्द आयेगा मानसून
छोटा अखबार।
प्रदेश के कई हिस्सों में शुक्रवार को वर्षा हुई जिससे अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया। दूसारी ओर मौसम विभाग ने आनेवाले कुछ दिनों में लू नहीं चलने के संकेत दिये है। वहीं अगले सप्ताह से मध्य और दक्षिण भारत में मानसून के जोर पकड़ने की संभावना व्यक्त की है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना के कारण मॉनसून में प्रगति होने आसार है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले सप्ताह ओडिशा की ओर इसके बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होने यह भी बताया कि कम दबाव एक प्रकार का चक्रवाती प्रवाह होता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र तेज होकर चक्रवात बन जाए।
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार राजस्थान में कई जगहों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा दर्ज की गई। बाड़मेर में सबसे अधिक 22 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। अजमेर और कोटा में 5.1 मिलीमीटर और 4.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी मानसून से पहले की वर्षा हुई बताई गई है।
छोटा अखबार।
प्रदेश के कई हिस्सों में शुक्रवार को वर्षा हुई जिससे अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया। दूसारी ओर मौसम विभाग ने आनेवाले कुछ दिनों में लू नहीं चलने के संकेत दिये है। वहीं अगले सप्ताह से मध्य और दक्षिण भारत में मानसून के जोर पकड़ने की संभावना व्यक्त की है।
जयपुर मौसम केंद्र |
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना के कारण मॉनसून में प्रगति होने आसार है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले सप्ताह ओडिशा की ओर इसके बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होने यह भी बताया कि कम दबाव एक प्रकार का चक्रवाती प्रवाह होता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र तेज होकर चक्रवात बन जाए।
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार राजस्थान में कई जगहों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा दर्ज की गई। बाड़मेर में सबसे अधिक 22 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। अजमेर और कोटा में 5.1 मिलीमीटर और 4.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी मानसून से पहले की वर्षा हुई बताई गई है।
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